कहानी--अब सब ठीक है

       
अब सब ठीक है
***********

सीधा, सच्चा और बुद्धिमान रोहन असिस्टेंट इंजीनियर बन गया था। उसका लक्ष्य था पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से देश सेवा करना।
बचपन से सुनता आ रहा था भ्रष्टाचार के बारे में, अब मन में इस बुराई से समाज को मुक्त करने की इच्छा थी..सो जुट गया। उसने अपने आपको पूरी तरह से काम में झोंक दिया था। अपनी मेहनत से गाँव के युवकों को प्रेरित करके उसने कुछ ही समय में गाँव का कायाकल्प कर दिया था।
आज बहुत उत्साहित था वो। कुछ ही दिन में गाँव में मंत्री जी का दौरा था। मंत्री महोदय के लिए गाँव के सरकारी स्कूल में खाना बनाने की तैयारी की उसने। पैसे भी अपने पास से ही खर्च किये। पूड़ियाँ, और दो तरह की सब्जी।
मंत्री जी को मूल समस्याओं से अवगत कराने के लिए गाँव में किए गए कार्य प्रोजेक्ट का नक्शा उसने स्वयं तैयार किया था। उसमें गाँव के लिए फ्यूचर प्लान भी थे और पेयजल और शौचालय समस्या के समाधान व सुझाव भी, जो वह मंत्रीजी जो बताना चाहता था।
दौरे के कुछेक दिन पहले मंत्रीजी के सचिव ने आकर पोजीशन ली। गाँव की तैयारी के बारे में पूछा।
"क्या है ये?? ये सड़ा-गला सा प्रोजेक्ट।"
"सर !! ये गाँव की ज्वलंत समस्याएँ..."  रोहन ने बोलना चाहा।
"समस्याएँ... जिनका कोई अंत ही नहीं..।
क्या है ये?...क्या दिखाना क्या चाहते हैं आप !  इतनी भी समझ नहीं आपको?
आपको क्या लगता है, मंत्री जी को इतना समय है कि वे आपका रोना-गाना सुनते रहेंगे?"
"पर सर....।"
"शटअप...कुछ ठोस तो है नहीं आप लोगों के पास..पुअर... वेरी पुअर इंजीनियर साहेब।"
उस मंत्री के सचिव ने लगभग डाँटने वाले अंदाज में ही तो कहा था।
रोहन की कार्यप्रणाली से कुछ ज्यादा प्रसन्न न दिखता था वो सचिव।
अगले दिन ही रोहन को अपने स्थानांतरण का पत्र मिला। दूसरे जिले के किए अतिपिछड़े गाँव में तत्काल रिलीविंग के ऑर्डर थे सो जाना पड़ा। नए होशियार एईएन ने अगले ही दिन कार्य सम्भाल लिया।
आसपास के ठेकेदारों, सप्लायरों को बुलाकर अच्छा सा इंतजाम करने को कहा। 
मंत्रीजी भी 'अपने समय' पर पधारे।
ग्रेनाइट के पत्थर लगे कुछ शिलान्यासों के फीते काटे।
गाँव में सबको काम से छुट्टी कराके भारी भीड़ एकत्रित की गई। भव्य स्वागत हुआ था मंत्री जी का।
मंत्री जी ने अपने उदबोधन में कहा-
"विकास की आँधी लानी है भाइयों और बहनों..."
..और तालियों से गूंज उठा था गाँव।
स्कूल के बच्चों ने विशेष नए परिधानों में उनके समक्ष स्वागत नृत्य पेश किया।
एसी टेंट में उनके लिए फाईव स्टार से मँगाए भोजन का इंतजाम किया गया था।
पत्रकारों को विशेष आमंत्रण था।
मंत्रीजी ने गाँव के अति पिछड़े वर्ग के परिवार के साथ खाना खाते हुए फोटुएँ खिंचाई जो अगले दिन की हेडलाईन बनने को आतुर थीं।
गाँव की तरफ से नए एईएन ने मंत्री जी को बड़ा सा 'गिफ्ट' भेंट किया, बदले में माननीय मंत्री जी गाँव के लिए एक बड़े पैकेज का एलान किया।
एईइन महोदय को अब बड़े शहर में पदोन्नति मिल गई है और ठेकेदारों को विकास के करोड़ों के काम।
अब सब ठीक है और सभी खुश भी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सप्तश्लोकी दुर्गा Saptashlokee Durga

हरि अनंत हरि कथा अनंता। A Gateway to the God

नारायणहृदयस्तोत्रं Narayan hriday stotram