हरि अनंत हरि कथा अनंता। A Gateway to the God
हरि अनंत हरि कथा अनंता।
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
रामचंद्र के चरित सुहाए।
कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥
श्री हरि विष्णु अनंत हैं उनका कोई पार नहीं पा सकता और इसी प्रकार उनकी कथा भी अनंत है। सब संत लोग उसे बहुत प्रकार से सुनते और सुनाते हैं। श्री रामचन्द्रजी के सुंदर चरित्र करोड़ों कल्पों में भी गाए नहीं जा सकते।
यह प्रसंग मैं कहा भवानी।
हरिमायाँ मोहहिं मुनि ग्यानी॥
प्रभु कौतुकी प्रनत हितकारी।
सेवत सुलभ सकल दुखहारी॥
शिवजी कहते हैं कि हे पार्वती! मैंने यह बताने के लिए इस प्रसंग को कहा कि ज्ञानी मुनि भी भगवान की माया से मोहित हो जाते हैं। प्रभु कौतुकी व लीलामय हैं और शरणागत का हित करने वाले हैं। वे सेवा करने में बहुत सुलभ और सब दुःखों के हरने वाले हैं।
सुर नर मुनि कोउ नाहिं जेहि न मोह माया प्रबल।
अस बिचारि मन माहिं भजिअ महामाया पतिहि॥
देवता, मनुष्य और मुनियों में ऐसा कोई नहीं है, जिसे भगवान की महान बलवती माया मोहित न कर दे। मन में ऐसा विचारकर उस महामाया के स्वामी श्री रामजी का भजन करते रहना चाहिए।
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
रामचंद्र के चरित सुहाए।
कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥
श्री हरि विष्णु अनंत हैं उनका कोई पार नहीं पा सकता और इसी प्रकार उनकी कथा भी अनंत है। सब संत लोग उसे बहुत प्रकार से सुनते और सुनाते हैं। श्री रामचन्द्रजी के सुंदर चरित्र करोड़ों कल्पों में भी गाए नहीं जा सकते।
यह प्रसंग मैं कहा भवानी।
हरिमायाँ मोहहिं मुनि ग्यानी॥
प्रभु कौतुकी प्रनत हितकारी।
सेवत सुलभ सकल दुखहारी॥
शिवजी कहते हैं कि हे पार्वती! मैंने यह बताने के लिए इस प्रसंग को कहा कि ज्ञानी मुनि भी भगवान की माया से मोहित हो जाते हैं। प्रभु कौतुकी व लीलामय हैं और शरणागत का हित करने वाले हैं। वे सेवा करने में बहुत सुलभ और सब दुःखों के हरने वाले हैं।
सुर नर मुनि कोउ नाहिं जेहि न मोह माया प्रबल।
अस बिचारि मन माहिं भजिअ महामाया पतिहि॥
देवता, मनुष्य और मुनियों में ऐसा कोई नहीं है, जिसे भगवान की महान बलवती माया मोहित न कर दे। मन में ऐसा विचारकर उस महामाया के स्वामी श्री रामजी का भजन करते रहना चाहिए।
टिप्पणियाँ
जय जय श्री राम
किया जाय वो कम है।यहाँ तक की उनकी महिमा का वर्णन यदि सहस्त्र मुख वाले शेष जी भी करे तो कम है।
जय श्री राम
किया जाय वो कम है।यहाँ तक की उनकी महिमा का वर्णन यदि सहस्त्र मुख वाले शेष जी भी करे तो कम है।
जय श्री राम
हरि अनन्त हरि कथा अनंता।
कहहीं सुनहिं बहु विधि सब संता-👇
श्री हरि विष्णु अनंत हैं उनका कोई पार नहीं पा सकता और इसी प्रकार उनकी कथा भी अनंत है। सब संत लोग उसे बहुत प्रकार से सुनते और सुनाते हैं। श्री रामचन्द्रजी के सुंदर चरित्र करोड़ों कल्पों में भी गाए नहीं जा सकते