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श्री अनिल जी मेहता अजमेर के मधुर गीत

हाटकेश्वर चतुर्दशी का पर्व नागर ब्राह्मणों के द्वारा बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज-कल की इस भागम-भाग और अतिव्यस्त जीवन शैली के बाद भी जहाँ कहीं भी नागर ब्राह्मणों के कुछ परिवार साथ होते हैं, इस दिन समय निकाल ही लेते है। चैत्र शुक्ल चतुर्दशी के इस दिन नागर ब्राह्मण अपने इष्टदेव भगवान हाटकेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करते हैं और भगवान के नैवेद्य के पश्चात भोजन आदि की भी व्यवस्था होती है। अजमेर में भी ऐसी परंपरा चली आ रही है। यहाँ पर नागरों  के ४०-५० परिवार थे जो लगातार कम होते जा रहे हैं पर नागर समाज के संरक्षक श्री गिरधारी लाल जी नागर जी, श्री रमणीक भाई मेहता जी और कुलदीप भाई दवे जी के अथक परिश्रम से यह परंपरा ७५ से भी अधिक वर्षों से अनवरत चली आ रही है। समाज द्वारा शिवरात्रि तथा नवरात्री बे सभी ९ दिनों में भी विधिवत पूजा बड़े विधि-विधान से होती है और अधिकाश परिवार इस दिन एकत्रित होकर भजन व गरबे आदि का आयोजन भी करते है। २० अप्रैल २०१६ को हाटकेश्वर चतुर्दशी के दिन समाज के तथा अजमेर शहर में प्रतिष्ठित और मेरे आदरणीय भाई श्री अनिल मेहता जी भी उपस्थित थे और उन्होंने हम