द परफेक्ट प्लानर
द परफेक्ट प्लान
एक फाइनेंस कंपनी का वह प्लानर था।
परफेक्ट प्लानर..।
जो प्लान वह बनाता... हिट हो जाता।
आज उसे 'मैन ऑफ द ईयर' का अवार्ड मिला था।
नौकरी के पहले ही साल में अपनी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की क्षमता, अच्छे स्वभाव और कड़ी मेहनत से उसने अपने ब्रांच हेड का दिल जीत लिया था।
उसके प्लान और सलाह से कम्पनी को लाखों के नए ऑर्डर मिल गए थे।
सो...बड़ा प्रमोशन उसे मिला।
...और उसकी सैलरी भी हजारों में बढ़ गई।
अपनी पत्नी को पास बैठा लिया उसने,
बोला- "डार्लिंग! देखा तुमने!
मेरे सारे प्लान परफेक्ट होते हैं। दुनिया सलाह लेती है मुझसे।
आज मैं तुम्हें अपना आगे का प्लान बताता हूँ।
अब.. पैसा तो बहुत है अपने पास।
चाहे डोनेशन देना पड़े..अपने छोटू को हम बेस्ट स्कूल में पढ़ाएँगे।"
"मैं एक करोड़ का टर्म इंश्योरेंस लूँगा।
छोटू का और तुम्हारा भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
म्यूच्यूअल फंड में हर महीने मैं बीस हजार रूपए डालूँगा।" यह भविष्य का निवेश होगा।
हम एक अच्छा सा मकान खरीदेंगे, कंपनी होम लोन दे ही रही है। इनकम टैक्स में भी छूट मिल जाएगी।"
"जिंदगी के सारे पासे अब सीधे-सीधे पड़ रहे हैं। पिछले कई सालों की ताक-धिंना के बाद अब जाकर ऐसा लग रहा है कि जीवन बड़ा ही खूबसूरत है।
अगले साल हम चलेंगे यूरोप टूर पर।
कुल मिलाकर पौ-बारह हैं।
कैसी लगी मेरी परफेक्ट प्लानिंग?"
वह खुशी और गर्व से उछल रहा था।
ट्रिंग..ट्रिंग..
तभी ऑफिस से फोन आ गया।
जी सर...!
जी, अभी पहुँचता हूँ।
सुनो...! मैं बस यूँ गया और यूँ आया..।
उसने पत्नी को कहा।
...और बाइक उठाकर तेजी से निकल गया।
दिमाग मे आगे की प्लानिंग घूम रही थी।
भविष्य की प्लानिंग..।
वह कालोनी के गेट से निकल कर सड़क पर आया ही था कि...
तभी.. भड़ाssक...
पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसे बाइक समेत उड़ा दिया।
वह उछल कर दूर डिवाइडर पर गिरा।
उसकी आँखें बंद हो रही थी।
मुंदती आँखों से उसने सर ऊँचा किया और आसमान की ओर देखा।
दर्द में भी उसके चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई।
ऊपर वाले की 'प्लानिंग' न जाने क्या थी ?
कौन था "परफेक्ट प्लानर ?"
एक फाइनेंस कंपनी का वह प्लानर था।
परफेक्ट प्लानर..।
जो प्लान वह बनाता... हिट हो जाता।
आज उसे 'मैन ऑफ द ईयर' का अवार्ड मिला था।
नौकरी के पहले ही साल में अपनी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की क्षमता, अच्छे स्वभाव और कड़ी मेहनत से उसने अपने ब्रांच हेड का दिल जीत लिया था।
उसके प्लान और सलाह से कम्पनी को लाखों के नए ऑर्डर मिल गए थे।
सो...बड़ा प्रमोशन उसे मिला।
...और उसकी सैलरी भी हजारों में बढ़ गई।
अपनी पत्नी को पास बैठा लिया उसने,
बोला- "डार्लिंग! देखा तुमने!
मेरे सारे प्लान परफेक्ट होते हैं। दुनिया सलाह लेती है मुझसे।
आज मैं तुम्हें अपना आगे का प्लान बताता हूँ।
अब.. पैसा तो बहुत है अपने पास।
चाहे डोनेशन देना पड़े..अपने छोटू को हम बेस्ट स्कूल में पढ़ाएँगे।"
"मैं एक करोड़ का टर्म इंश्योरेंस लूँगा।
छोटू का और तुम्हारा भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
म्यूच्यूअल फंड में हर महीने मैं बीस हजार रूपए डालूँगा।" यह भविष्य का निवेश होगा।
हम एक अच्छा सा मकान खरीदेंगे, कंपनी होम लोन दे ही रही है। इनकम टैक्स में भी छूट मिल जाएगी।"
"जिंदगी के सारे पासे अब सीधे-सीधे पड़ रहे हैं। पिछले कई सालों की ताक-धिंना के बाद अब जाकर ऐसा लग रहा है कि जीवन बड़ा ही खूबसूरत है।
अगले साल हम चलेंगे यूरोप टूर पर।
कुल मिलाकर पौ-बारह हैं।
कैसी लगी मेरी परफेक्ट प्लानिंग?"
वह खुशी और गर्व से उछल रहा था।
ट्रिंग..ट्रिंग..
तभी ऑफिस से फोन आ गया।
जी सर...!
जी, अभी पहुँचता हूँ।
सुनो...! मैं बस यूँ गया और यूँ आया..।
उसने पत्नी को कहा।
...और बाइक उठाकर तेजी से निकल गया।
दिमाग मे आगे की प्लानिंग घूम रही थी।
भविष्य की प्लानिंग..।
वह कालोनी के गेट से निकल कर सड़क पर आया ही था कि...
तभी.. भड़ाssक...
पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसे बाइक समेत उड़ा दिया।
वह उछल कर दूर डिवाइडर पर गिरा।
उसकी आँखें बंद हो रही थी।
मुंदती आँखों से उसने सर ऊँचा किया और आसमान की ओर देखा।
दर्द में भी उसके चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई।
ऊपर वाले की 'प्लानिंग' न जाने क्या थी ?
कौन था "परफेक्ट प्लानर ?"
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