देवीस्तोत्रं

देवीस्तोत्रं


या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्व लक्ष्मीः
पापात्मना     कृतधियां     हृदयेषु     बुद्धिः  ।।
श्रद्धा    सतां     कुलजन    प्रभवस्य लज्जा । 
तां त्वां  नताःस्म परिपालय देविविश्वम् ।।

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