सीता राम भजन
श्री सीतारामचन्द्र जी के चरणों में अपने आपको सम्पूर्ण रूप से समर्पित करदे और इस भजन को गाते हुए लीन हो जाएँ । यह उनके लिए है जो संस्कृत का उच्चारण करने में असमर्थ हैं तथा श्लोको का पाठ करने में उन्हें कठिनाई होती है । सीता राम सीता राम सीताराम कहिये जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे साथ में विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये आशा एक रामजी से दूजी आशा छोड़ दे नाता एक रामजी से दूजे नाते तोड़ दे साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिये सीता राम सीता राम सीताराम कहिये जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ...